भाग - 9 ( राधा अम्मा)

            ◆ भाग - 9 ◆





परन्तु इस बार जब उसने हाथ से खाना खिलाया तो राधारानी नहीं आई ; वो उनको याद करते करते निद्रा की दुनिया मे चला गया |

अगले दिन पिताजी के ड्यूटी जाने से पहले उनको रोकते हुए  राहुल  बोला -: " बापू आज शाम को दो लाल साड़ी ले आना !"
पिताजी - "क्यों तुम क्या करोगे  उसका !"

राहुल - " अम्मा को दूंगा!!"
पिताजी -( मुस्कुराते हुए )अच्छा ठीक है बिटवा ले आऊंगा !"

इतने दिनों बाद अपने बेटे को खुश देख कर आज वो भी बहुत खुश थे | शाम को घर आकर राहुल को साड़ी के दो थैले देते हुए पिताजी  बोलने लगे -:
"ये ले बिटवा ... तूने मंगवाया था !!"

राहुल- " धन्यवाद बापू !"
कहकर राहुल राधारानी के कमरे की ओर जाने लगा |
पिताजी - " अरे उधर कहां जा रहा है तेरी अम्मा तो इधर है रासोई में !!"
राहुल - "  अरे एक राधा अम्मा के लिए भी तो है !!"
पिताजी - " अच्छा ठीक है  जा दे आ! "

राहुल जाकर  राधा रानी की फोटो के पास साड़ी रख कर कहने लगा "  अम्मा देख !! मैं तेरे लिए क्या लेकर आया हूं .... तू यह साड़ी पहन ले एक बार ...मुझे देखना है तू कैसी लगेगी  इसमें !! अम्मा पहन ले !!"

पर कुछ नहीं हुआ तो कुछ सोच राहुल मुस्कुराते हुए बोलना लगा -:
" मैं भी देखता हूं !! तू कब तक नाराज रहेगी ....जब तक नहीं मानेगी मैं  मनाता रहूंगा ...अपने लल्ला से अम्मा आखिर  कैसे दूर रह सकती है !!"

इतना कहकर वह मुस्कुराता हुआ दूसरी साड़ी नई अम्मा को देने चला गया |
अब राहुल खुशी-खुशी रहने लगा था क्योंकि वह अपनी राधा अम्मा को खुश करना चाहता था , उसे पता था राधा अम्मा के लिए अपने लल्ला की मुस्कान कितनी अनमोल थी ; अब हर रोज वो राधा रानी के लिए खाना ले कर जाता , उनसे बातें करता , उन्हें याद करता , भजन सुनता,  कभी-कभी  तो उनको याद करते-करते आंसू भी आ जाते | बस यहीं करते करते उसके दिन बीत रहे थे और वो अपनी राधा अम्मा से दूर रहकर भी पास आ रहा था |

अपनी दादी , नई अम्मा और पिताजी को भी वो शिकायत का कोई मौका नहीं देता ,  पढ़ाई भी मन लगाकर करता , हर काम लगन से राधा नाम लेकर करने में उसे अत्यंत आनन्द आ रहा था |
अब राधा नाम की महिमा तो सबको ही पता है बिगड़े हुए काम को भी बना देती है |

राहुल तो प्रसन्न था पर उसके पिताजी नहीं थे  क्योंकि जिस उम्र में बच्चे अपने दोस्तों के साथ सरारत करते है ,  आवारागर्दी करते हैं , उस उम्र में राहुल राधा नाम में मग्न था ; उसकी अम्मा को गए हुए अब 2 साल हो गए थे और राहुल की उम्र 7 साल |
उसके पिताजी को प्रभु प्रेम रास नहीं आरहा था ; उन्हें डर भी था कहीं उनका बेटा सन्यास लेकर घर न छोड़ दे !! , उसकी भक्ति भी दिन प्रति दिन बढ़ती देख उन्होंने उसे होस्टल में डालने का फैसला लिया |

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क्रमशः 💐




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