भाग - 10 (राधा अम्मा)

 

              ◆ भाग - 10 ◆


   





जब ये फैसला उन्होंने घर में बताया तब पहले तो कोई तैयार नहीं हुआ ; राहुल की नई अम्मा राहुल से बहुत प्यार करती थी वह उसको खुद से दूर नही भेजना चाहती थी पर अंत में उन्हें अपने पति की बात माननी ही पड़ी , दादी को भी बड़ी मुश्किल से मनाना पड़ा पर अंत में वो भी मान ही गयी |
अब बात थी राहुल को मनाने की तो उन्होंने उसको अपनी बातों में बहला फुसलाकर यह कह दिया कि
' वहां जाकर पढ़  लिख कर बड़ा आदमी बनेगा फिर अपनी अम्मा के लिए उपहार लाएगा | '

वो जानते थे कि राहुल की कमज़ोरी क्या थी इसलिए उन्होंने सीधा वही वार किया |
दूसरे बच्चों के साथ में रहकर राहुल में बदलाव आएगा ये सोच वे राहुल को हॉस्टल भेजने की तैयारी में जुट गए |

कुछ ही दिनों में राहुल हॉस्टल जाने के लिए विदा हो गया ; घरवालों ने उसे दुखी मन से भेजा ....उन्हें कोई खुशी नहीं थी असल मे उन्हें उसकी चिंता थी |

'मीराबाई  जैसी भक्ति तो सब चाहते हैं पर उनके मार्ग पर चलना कोई नहीं चाहता हैं !!| '

यहां भी कुछ ऐसा ही था राहुल अंदर से दुखी तो था पर वह अपने घरवालों को खुद की वजह से दुखी नहीं देखना चाहता था इसलिए वहां पर खुद को ढालने की पूरी कोशिश करने लगा था |
चाहे राहुल का दिन कितना भी बुरा ही क्यों न गया हो परन्तु रात के समय वो अपनी राधा अम्मा के सामने खुश रहने का प्रयास करता , उनको हर वक्त धन्यवाद देता ;
वो एक तरीके से भक्ति ही कर रहा था ...प्रेम की भक्ति
!! , फलस्वरूप दूर जाने के बजय वो और भी ज्यादा करीब आ गया था  राधारानी के !!|

एक दिन उसके दो दोस्त  जो  उसके कमरे में उसके साथ ही रहते थे उसके पास आए और बोले ,

पहला दोस्त  (अमन ) - "राहुल तू रात को फोटो लेकर क्यों सोता है ?"
दूसरा दोस्त (राम) - " हाँ यार!!  मै भी बहुत समय से गौर कर रहा हूँ यही बात |"

राहुल - (मुस्कुराते हुए ) " ये मेरी अम्मा है !!"

अमन - " ओह !! जरा हमको भी तो दिखा अपनी अम्मा की तस्वीर |"
राहुल अपने बैग में से राधारानी की फ़ोटो निकाल कर उन्हें दिखाने लगा |

राम - " अरे ये तो राधारानी है  बरसाने वाली !!"

राहुल- " यही तो है मेरी अम्मा !!"

राम - " अरे पागल हो गया है क्या !! ये तो भगवान है ...तेरी अम्मा नहीं हो सकती ये | "

अमन - " ओए ! झूठ मत बोल ; तेरी अम्मा तो तुझको छोड़ने आई थी ... मैंने देखा था उन्हें !"

राहुल - " हा भाई !! वह भी मेरी अम्मा ही है...असल में  मेरी तीन अम्माएं है ...और तीनों बहुत ही प्यारी है ! "

अमन - " ऐसे कैसे !! मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है !"

राहुल - "  वो क्या है कि ......मेंरी पहली अम्मा भगवान के पास चली गई थी तो फिर भगवान ने उनके बदले राधा अम्मा दी ! और राधा अम्मा ने नई अम्मा !"

राम -  " अरे भाई !!  यह सब तो ठीक है पर राधारानी तो भगवान  है वो तेरी अम्मा हो ही नहीं सकती | "

राहुल  -" क्यों नहीं हो सकती !?...  उन्होंने ही मुझे बोला है कि वह मेरी अम्मा है |"

राम - " अच्छा ये बता !! कहां मिली वो तुझे ? "

राहुल - "  घर में मिली थी !!"

राम - " तेरे घर में !? " (बनावटी आश्चर्य प्रकट करके बोला)

राहुल - "हाँ फिर !!"

राम  - " पर उनका घर तो बरसाना में हैं !! मैं भी वही का रहने वाला हूँ ... मेरी मम्मी ने बताया था कि  उनका घर वही है और पता हैं !! ...उनका तो जन्म भी वही हुआ था ... फिर वह तेरे घर में कैसे आ सकती हैं !? "

अमन -  "अरे चल कर आती हूँगी !!" (हँसते हुए बोला)

राम - " धत्त !!! पगले .... वे तो भगवान है , इसकी अम्मा हो ही नहीं सकती !! " गंभीर होकर  राम ने कहा |

राहुल - " वह मेरी ही अम्मा है !!  तुम्हें मानना है तो मानो नही तो कोई बात नहीं !! मुझे मेरी अम्मा पर पूरा विश्वास है !! "

राम - " अच्छा!  तो यहां बुला सकता है उन्हें क्या तू !? "

राहुल - "  मैं तो रोज उन्हें बुलाता हूं पर शायद वह मुझसे रूठी हुई है !!" उदासी भारी आवाज़ में राहुल ने उत्तर दिया |

राम - " देख भाई !! मुझे नहीं पता तू सच कह रहा है या झूठ... पर अगर सच में उन्हें तू मनाना चाहता है तो बरसाने जा सकता है क्योंकि वही पर उनका घर है !!"

राहुल - (खुश होकर ) " सच्ची !!'

राम - " और क्या भाई !! मैं भी तो वही का ही हूं  इसीलिए पता है मुझे |"

अमन - "  ये  सब छोड़ !! तेरी अम्मा भगवान है तूने कभी बताया नहीं !!" (हंसते हुए)

राहुल - "  तुम हँसो मत ज्यादा !!  मेरी बात पर अगर यकीन नहीं होता तो मैं तो उन्हें मना कर जब लेकर आऊंगा तब मिल लेना उनसे |"

राम - " चल ठीक है !! देखते हैं ..."

राहुल - "  हां - हां !!  देख लेना |" 

अमन - "  तो फिर क्या तू सच मे जा रहा है बरसाना !?"

राहुल  - " और क्या !! " (मुस्कुराते हुए)

राम - "अपनी मम्मी-पापा से पूछ ले पहले ... वैसे भी गर्मियों की छुटियां शुरू होने वाली है तू उसी में आ जाना ... मैं तुझे अपने परिवार संग बरसाना घुमाऊंगा |"

राहुल - "  हां !! तू चिंता मत कर ... बस घुमाने की तैयारी शुरू कर दे !"

अमन- " अरे वाह !! राहुल ...मुझे भी मिलवाना अपनी राधा अम्मा से  !" (आमन ने व्यंग करते हुए कहा )

राम - "पहले ये वहाँ जाए तो ! "

राहुल - "वो तो जाऊँगा ही !! मैंने बोला तो.... तू बस तैयारी शुरू कर दे | "
इतना बोलते ही राहुल के चहरे पर मुस्कान अपने आप आ गयी |

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क्रमशः 💐


राधे राधे🙏

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