◆ भाग - 11 ◆
राहुल राधारानी से मिलने के वास्ते सपने सँजोने में लग गया और देखते ही देखते हैं गर्मियों की छुट्टियों के दिन भी नजदीक आ गए ; जब राहुल के पिताजी उसे लेने आए तो वह उनसे बरसाना जाने की जिद करने लगा , वहाँ पर तो कैसे भी उसे समझा-बुझाकर वो घर ले आए पर राहुल घर पर भी अपनी जिद पर अड़ा था |
राहुल न ही खाना सही से खाता और न ही किसी से बात करता उसने बस बरसाने जाने की रट लगाई हुई थी ;
थक-हार कर घरवालो को मानना ही पड़ा |
अब देर किस बात की थी ... चल दिया राहुल अपने छोटे से परिवार संग बरसाना की ओर ; घरवालो के लिए छुट्टियों में घूमने का अच्छा बहाना मिल गया था और राहुल के लिए अपनी राधा अम्मा से मिलने का सुनहरा मौका था ! , उसने टेलिफोन से अपने दोस्त राम को भी जानकारी दे दी थी , बस अब सफर का इंतजार था |
बरसाना पहुंचकर तो राहुल की खुशी का ठिकाना ही नहीं था ; उसकी जुबान पर हर वक्त बस ' राधा अम्मा कहाँ हो !' यही शब्द चल रहा था.... और आंखों में मिलने की आस के अश्रुओं का समुन्द्र भार हुआ था !!.... प्रेम अपनी राधा अम्मा के लिए चरम सीमा पर पहुंच चुका था !|
अपने और राम के परिवार संग राहुल दिया बरसाने के प्रमुख मंदिर की ओर | जैसे-जैसे उसके कदम मंदिर की ओर आगे बढ़ रहे थे ; वैसे-वैसे उसकी दिल की धड़कने भी तेज होती जा रही थी , आंखों में से अश्रुओं की धारा बहने लगी थी और होंठ राधा नाम जप रहे थे ; ये सब अपने आप हो रहा था ... राहुल का प्रेम मानो ज्वालामुखी बन बाहर आने को तत्पर था ...देखना ये था कब तक वो रोक पाएगा |
जब सब मंदिर पहुंचे तो वहां सब ने देखा कि वहाँ पर बहुत भीड़ थी ; राधे नाम के जयकारो से सारा वातावरण गूँज रहा था | दोनों परिवारों ने अपने बच्चों का हाथ कसकर पकड़ लिए भयंकर भीड़ को देखकर , मुश्किल से धीरे-धीरे सब आगे बढ़ रहे थे ; भीड़ इतनी थी की एक कदम भी ढंग से बढ़ाना मुश्किल हो रहा था |
राहुल के छोटे कद के कारण उसे राधारानी के दर्शन अच्छे से नहीं हो पा रहे थे , जैसे ही उसकी बारी राधारानी के दर्शन की एक झलक देखने को आई वैसे ही उसके पैरों को किसी ने भीड़ में से दबा दिया ; 'अम्मा!!' कहकर राहुल जोर से चिल्लाया |
उसका यूं चिल्लाना देख उसके पिता उसे भीड़ में से हटाकर कोने में ले आए जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो राहुल राधारानी की पुनः झलक पाने के प्रयास में उनकी मूर्ति की ओर कदम बढ़ाने लगा | पिताजी उसे रोक ,उसका हाथ खींच मन्दिर से बाहर जाने लगे ; पर राहुल से अब दूरी सही नहीं जा रही थी ! , उसकी आंखों में से विरह की नदियां बहने लगी थी |
खुद को अपने पिताजी जी से छुड़ाकर वो तेज अवाज में चिल्लाया -: " राधा अम्मा क्या इतनी नाराज हो गयी है तू जो अपने लल्ला से मिलने भी नहीं आई !!...एक बार देख तो ! तेरा लल्ला इतने पास तुझसे मिलने के वास्ता आया है !!"
यह कहकर राहुल रोता हुआ राधारानी की मूर्ति की ओर जाने लगा पर भीड़ के कारण वह आगे नहीं बढ़ पा रहा था ; वो बस राधा अम्मा कहते-कहते रोता ही जा रहा था | ये देख उसके पिताजी ने उसे पीछे से पकड़ा और जबरदस्ती होटल की ओर ले गए जिसमे वो ठहरे थे , सब इसे राहुल की नादानी समझ रहे थे , राम भी अपने घर परिवार संग जा चुका था और अब राहुल के परिवार ने भी घर जाने का मन बना लिया था ... राहुल की ऐसी हरकत देख !|
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क्रमशः 💐
🙏 राधे राधे 🙏
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