भाग - 8 (राधा अम्मा )

 

         ◆ भाग - 8 ◆





प्लेट उठाकर जाते हुए जैसे ही उसकी अम्मा की नजर उसपर पड़ी तो वे उसे रोक कर पूछने लगी :-
" क्या हुआ राहुल बिटवा !, खाना लिए कहाँ जा रहे हो ?"

राहुल - " वो अम्मा मैं अंदर वाले कमरे में बैठकर खाऊंगा !"

नई अम्मा - "  वहां क्यों ?, आओ हमारे साथ बैठकर खा लो  | "

राहुल- " वो मुझे आज वही बैठकर खाने की इच्छा है और  मेरे खिलौने भी वहीं पर रखे हुए हैं !!..और वो...."

नई अम्मा - मैंने देखा है तुम्हें वही ज्यादा रहना पसंद है ,  तुम्हारे बापू ने बताया था ... तुम्हें अम्मा की याद आती है !! इसीलिए अक्सर तुम वहाँ जाते हो !!"

राहुल -  (हिचकते हुए )"  हां ! कुछ ऐसा ही "

नाइ अम्मा - " तो क्या मैं तुम्हें अच्छे से प्यार नहीं दे पाती हूं या कुछ कमी है.... मैं तो पूरी कोशिश करती हूं कि तुम्हें तुम्हारी अम्मा का प्यार दे सकूँ शायद अब भी कुछ कमी रह गई होगी .. जो तुम मुझे अपनी अम्मा नहीं मानते हो !!"
(दुखी होते हुए बोली )

राहुल - अरे ऐसा कुछ भी नहीं है अम्मा !!... चलो साथ में खाते हैं |"

उसके बाद नई अम्मा अपने हाथों से राहुल को खिलाने लगी और बहुत सात दुलार करने लगी ; दिन भर का थका-हारा राहुल फिर खाने के बाद गहरी नींद में सो गया |
अगले दिन जाग कर वो सबसे पहले राधारानी के कमरे में गया ;  वहां जाकर देखा तो राधा रानी की फोटो गायब थी | राधारानी को डर के मारे पुकारने लगा , जब वो नही आई तो उनकी फोटो उधर देखने लगा ….उसका दिल घबरा रहा था ....बहुत ढूढ़ने के बाद भी जब उसे नहीं मिली तो वो दौड़कर घर के बाकी सदस्यों से भी पूछने लगा ,  पर किसी को कुछ पता नहीं था |
राहुल उदास हो गया , हृदय उसका खुद को दोष दे रहा था ; वह मन ही मन सोचने लगा !!

   " राधारानी क्यों मुझे छोड़ कर चली गयी ...शायद उन्हें लग रहा होगा उनका लल्ला उन्हें भूल गया है , अब प्रेम कम करने लगा है .... पर मैं उन्हें कैसे बताऊं उनका स्थान कोई नहीं ले सकता | "
ये कहकर उसकी आँखें भर आईं |
राधा अम्मा को पुकारते- पुकारते पूरा दिन बीत गया , उसे आत्मगिलानी हो रही थी | उसे देख नई अम्मा और दादी भी परेशान थी ,  चुप कराने के सारे प्रयास व्यर्थ जा रहे थे  ; शाम को जब उसके पिता जी घर आए तो वह उनसे भी नहीं माना  फिर बाद में बड़ी मुश्किल से थोड़ा सा खाना खाया |
सोते वक्त भी राधा अम्मा पुकारते  हुए सोया ; अगले दिन सुबह नींद खुलते ही उसे सबसे पहले राधारानी ही याद आई , भाग कर राधा रानी के कमरे में गया वहां उनकी फोटो को दोबारा ढूढ़ने लगा ,  सारा दिन उदास बैठ बस सिर्फ राधारानी को ही याद कर रहा था |
उसकी ऐसी हालत देख नई अम्मा परेशान हो गयी थी इसलिए शाम के समय  वो बाजार राधारानी की नई फ़ोटो खरीद कर ले आई |
फोटो देखकर राहुल कुछ चुप हुआ !; भले ही वो पुरानी जैसी नहीं थी परंतु फिर भी उसमे राधारानी तो थी , तस्वीर को सीने से लगा कर बुलाने लगा राहुल अपनी राधा अम्मा को |
जब काफी देर तक वे नहीं आई तो वो कुछ सोच मंदिर की ओर भागा और श्रीकृष्ण  जी की मूर्ती के समक्ष कहने लगा -:
" आखिर क्या दुश्मनी है आपकी मुझसे !! क्यों मेरी राधा अम्मा को बुला लिया ... कृपया करके लौटा दो उन्हें !!
देखो तो !! मैं कबसे उन्हें बुला रहा हूँ पर वो आती ही नही है |  इस बार अगर वो आगयी तो मैं उन्हें एक पल के लिए भी नही छोड़ के जाऊंगा |
  हे भगवान कृष्ण !!  मुझे माफ कर दो... देखो! मैं कान भी पकड़ता हूं  ;  बस मेरी राधा अम्मा को लौटा दो मेरे पास | "
यह कहकर राहुल कुछ देर के लिए आँख बंद कर चुप हो गया , थोड़ी देर तक जब कुछ नही होता तो राहुल दुखी होकर घर आगया ;  देखते  ही देखते शाम भी हो गई रात को सोते वक्त वो आंख बंद कर सोचने लगा
" क्यों न मैं राधा अम्मा को पहले जैसे बुलाऊँ !"
ये सोच  वो खाना लेकर राधारानी के कमरे में गया और  अपने हाथ  में  खाने का एक गास लिए  फोटो की तरफ बढ़ाया ....


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क्रमशः 💐





भाग - 9 यहाँ से पढ़े !!


                        

❤️ राधे राधे 🙏 

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