भाग - 7 ( राधा अम्मा )

 

               ◆ भाग - 7 ◆




राहुल राधारानी के गालो में पर अपने छोटी सी उंगलियों को रख मुस्कुराते हुए बोला : - " तो फिर तुम मुझे याद दिला देना !!"

राधारानी -  " लल्ला !! सच में नटखट हो गए हो तुम ;  पर अगर सच में भूल गए तो ...!"
इस बार राधारानी ने गंभीर होकर  कहा |

राहुल - तो क्या तुम भी मुझे भूल जाओगी !?"
मुँह बनाकर राहुल बोला | 

राधारानी - " मुझसे काहे ऐसा प्रश्न पूछते हो लल्ला !?"

राहुल - " तो फिर आप मुझसे भी ऐसी बात न किया करो !! अच्छा चलो इसे छोड़ो ...अGब एक प्यारा सा भजन सुना दो अपनी मीठी सी आवाज में अम्मा !!| "

राधारानी - " ठीक है !! आजा मेरी गोद मे मेरे लल्ला |"

जिस माँ की एक झलक पाने के लिए पूरा बृह्माण्ड तरसता आज उसी मां के आंचल में एक बालक  बैठा हुआ था...सच में कितना भाग्यशाली होगा वह !|

कुछ ही दिनों में शादी भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई और राहुल की नई अम्मा भी घर आ गई | वह बहुत ही सुंदर और प्यारी थी ; एक अच्छी पत्नी , एक अच्छी बहु और एक अच्छी मां के गुणों से संपन्न  थी |
राहुल को देख उनके अंदर ममता का भाव अपने आप जागृत हो जाता !! आखिर हो भी क्यों ना ...राहुल से स्वयं वृन्दावनश्वरी ने प्रेम का रिश्ता जो जोड़ रखा था ;  आखिर फिर उसे देख किसी के भी मन मे प्यार कैसे नहीं जागेगा  |

सुबह राहुल के उठने से पहले ही उसकी नई अम्मा  उसके लिए दूध बना देती , उसके साथ समय निकालकर खेलती  , कहानी सुनाती  ,  स्कूल का काम करवाती , बाजार से चीज दिलाती ;  कोई भी उन्हें देख नहीं सकता था कि राहुल उनका सगा बेटा नहीं था | 
राहुल की तो मानो सारी इच्छाएं पूरी हो गई थी पर अब वो राधारानी के साथ बहुत कम वक्त बिताता... धीरे-धीरे न के बराबर हो गया  |

एक दिन वो राधारानी के पास गया और बोला :-
" आजकल तुम बहुत उदास दिखाई देती हो !! सब ठीक तो है अम्मा ?"

राधारानी - " जब लल्ला खुश है तो भला उसकी अम्मा कैसे दुखी हो सकती है !?"

राहुल - "बोलो तो अम्मा !!"

राधारानी - " अरे लल्ला कहा तो कुछ भी नहीं हुआ है !!  अच्छा तू ये सब छोड़ और ये बता तेरी नई अम्मा कैसी है !?"
राहुल -  " नई अम्मा तो बहुत ही ज्यादा प्यारी है ... पता है !!  वह बाजार से चीज भी दिलाती दिया है और तो और सैर भी करवाती है और पता है ...."

राधारानी बीच में बात काटते हुए बोली -
"  तो लल्ला !! अब तो तेरी सारी इच्छाएं पूरी हो गई ... अब तो तू खुश है क्यों ?"

राहुल - " हां अम्मा बहुत खुश !!"

राधारानी - " अच्छा अब तो तेरी एक अम्मा भी तेरे पास है ... अब अगर मैं चली जाऊं तो फिर तूझे कोई दिक्कत तो नहीं होगी ?!"

ऐसा सुनते ही राहुल की आंखें भर आई , गुस्से वाली सूरत बनाकर बोला-: "  ऐसा क्यों कहती हो तुम  !! नई अम्मा जगह और तू अपनी जगह है !! ...  तेरी जगह कोई और नहीं ले सकता , आइंदा ऐसा मत कहना !!"
यह कहकर  राहुल भावुक होकर राधा रानी के आंचल में सो गया |

सुबह जब राहुल उठा तो उसने देखा कि वह अपने घर के दूसरे कमरे में था जिसमे नई अम्मा सोती थी |
उठते ही उसे राधा अम्मा की याद आई तो वो उनके कमरे में जाने के लिए जैसे ही उठा , तभी उसकी नई अम्मा दूध लेकर उसके पास आ गयी और उसे दुलार करने लगी ; फिर थोड़ी देर बाद उसके मित्रो की टोली  उसे बुलाने आ गयी उसी बीच वो राधा रानी के पास जाना भूल गया |

  रात के समय जब भोजन का निवाला खाने ही जा रहा था तो उसे राधा रानी की याद आई ,  ' उनके साथ मैंने कई दिनों से खाना भी नही खाया औऱ  कल रात को भी वो दुखी लग रही थी .... क्यों न !!  मैं आज अपने हाथ से खिलाऊँ उन्हें |'

ऐसा सोच वो मुस्कुराते हुए अपनी प्लेट उठाकर राधारानी वाले कमरे में जाने लगा |

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क्रमशः 💐


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🙏 राधे राधे ❤️


                        


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