◆ भाग - 4 ◆
" हे भगवान कृष्ण !! आपने मेरी अम्मा को मुझसे छीन लिया तो मैं राधा अम्मा को अपने साथ ले गया लेकिन जब से साथ लाया हूं उन्होंने कुछ भी नही खाया...शायद उन्हें अपने घर की और आपकी याद आ रही है ...मेरी बैर तो आपसे है इसमें उनका क्या दोष?? मुझसे उनका अब यह दुख देखा नहीं जाता है आप उनको कुछ खाने को बोल दो ... मैं आपके सामने अपने हाथ जोड़ता हूं !! "
इतना कहकर आँखों मे आँसू लिए वह घर चला गया इस आस में शायद राधा रानी ने अब कुछ खा लिया हो पर जब वह देखता है राधा रानी ने भोजन नहीं तो वो रोने लगा और अपने को दोष देने लगा कि राधा रानी उसके कारण भूखी है दुखी मन से बाहर जाकर अपनी किताबें खोलकर बैठ गया |
जब रात के समय दादी ने खाना खाने बुलाया तो वह उठकर सबसे पहले राजधानी है कमरे में गया , वहाँ उसने देखा कि राधा रानी ने अभी तक खाना नहीं खाया था तब ये देख मानो उसकी भूख ही मर गई |
उसने अपनी दादी से खाना खाने के लिए मना कर दिया पर पिताजी और दादी की जिद के कारण बुझे मन से एक रोटी खाई और वह भी आधी ; रात में जब सब सो गए तो वह चुपचाप उसी राधा रानी वाले कमरे में गया जब उसने वहां देखा खाना वैसा ही पड़ा था तो रसोई से बचा हुआ खाना चुपचाप से ले आया और कहने लगा-: "
अगर आप यह बासी समझ कर नहीं खाना चाहती हो तो मत खाओ... यह नया वाला खा लो अभी कुछ समय पहले ही बना है !!! आपको इस तरह भूखा देख मेरी भूख भी मर गई है | आप की यह हालत नहीं देखी जाती ... शायद आपकी इस हालत का मैं ही कही न कही जिम्मेदार हूँ | मैंने बैर तो श्रीकृष्ण भगवान से ली थी ना की आपसे राधा अम्मा !!!! ... कल ही आपको वापस रख आऊंगा और रह लूंगा फिर से बिना अम्मा के ...!! "
यह कहकर राहुल रोने लगा और बचा खाना उनके सामने रखकर "राधा अम्मा खाना खालो" कहते- कहते उसके आंसुओं की धारा बहने लगी और फिर कुछ ही देर बाद उसकी उसकी आंख लग गई |
सुबह चिड़िया की चहचहाट से उसकी नींद जल्दी खुल गई थी उठकर सबसे पहले वो राधा रानी को देख और फिर कल के खाने को देख उसका मन उदास हो गया था और दुखी मन से बाहर की ओर गया ;उसने देखा दादी रसोई में थी और पिताजी कि बाहर पानी लाने गए थे |
तो वह दोबारा राधा रानी वाले कमरे में चुपचाप आ गया और राधा रानी की तरफ देख कर कहने लगा :-
" मैं तुम्हें तुम्हारे कृष्ण के पास वापस छोड़ कर आता हूं फिर तुम कुछ खा लेना ...अपनी अम्मा को भूखा देख मुझसे रहा नहीं जाता !! भले ही आप मुझसे दूर रहो पर प्रसन्न रहो !| "
" मेरी एक अम्मा तो पहले ही छोड़ कर चली गई थी अब दूजी मिली थी... भले ही बैर करके पर मिली तो... पर अब वह भी चली जाएगी !! कोई नहीं रह लूंगा मैं बिना अम्मा के .... शायद मैं ही बुरा हूँ तभी तो मेरी दोनों अ
अम्मा मुझे छोड़ कर चली गयी! | "
यह कहते-कहते उसका गला भर आया ||
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क्रमशः 💐
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